(1)
बालः सम्मानजन्मा वा शिष्यो वा यज्ञकर्मणि |
अध्यापयन् गुरूसुतो गुरुवन्भानमर्हति ||
  - à¤ª्रेरणादायक ( Motivation) श्लोक

अर्थ: गुरुपुत्र अल्पवयस्क, समानवयस्क हो, अध्ययन करने वाला विद्यार्थी हो, अध्यापन कम करता हो, यज्ञ में प्रवीण ऋत्विक हो या ऋत्विक नही हो, वह सदा सम्मान योग्य होता है।
                                       - In Hindi
Meaning: Guruputra is a minor, a minor, a student who studies, reduces teaching, is proficient in a yagya, is not a Ritvik or is not a Ritvik, he is always worthy of respect.
                                    - In English


(2)
पिता वै गार्हपत्योऽग्निर्माताग्निर्दक्षिणः स्मृतः |
गुरुराहवनीयस्तु साग्नित्रेता गरीयसी ||

अर्थ: पिता गार्हपत्य अग्नि और माता दक्षिण नाम की अग्नि कही गयी है, तथा आचार्य (गुरु) को आवहनीय अग्नि बताया गया है, इस प्रकार ये तीन अग्नियां अति श्रेष्ठ मानी गयी है।
                                       - In Hindi    

Meaning: Father Garhapatya Agni and mother Dakshina are called Agni, and Acharya (Guru) is said to be a fire that is unviable, thus these three Agni are considered very superior.
                                    - In English