(1)
धर्म-धर्मादर्थः प्रभवति धर्मात्प्रभवते सुखम् । धर्मण लभते सर्वं धर्मप्रसारमिदं जगत् ॥  
                  - वाल्मीकि रामायण

 भावार्थ :
धर्म से ही धन, सुख तथा सब कुछ प्राप्त होता है । इस संसार में धर्म ही सार वस्तु है ।                   - In Hindi
Gist :
We get wealth, happiness and everything from religion. Religion is the essence in this world.             - In English


(2)
सत्य -सत्यमेवेश्वरो लोके सत्ये धर्मः सदाश्रितः । सत्यमूलनि सर्वाणि सत्यान्नास्ति परं पदम् ॥
                      - वाल्मीकि रामायण
 भावार्थ :
सत्य ही संसार में ईश्वर है; धर्म भी सत्य के ही आश्रित है; सत्य ही समस्त भव - विभव का मूल है; सत्य से बढ़कर और कुछ नहीं है ।
Gist:
Truth is God in the world; Religion is also dependent on truth; Truth is the root of all potential. There is nothing more than the truth.      -In English